छंद
कुण्डलिया :
(१)
पापा
कहते हैं बड़ा , नाम करेगा पूत
होगी
बेटे से अहा , वंश - बेल मजबूत
वंश
- बेल मजबूत , गर्भ में बेटी मारी
क्यों
बेटे की चाह , बनी इनकी लाचारी
नहीं
करो यह पाप,नहीं खोना अब आपा
बेटा
- बेटी एक , समझ लो मम्मी-पापा ||
(२)
पापा
कहते है बड़ा , नाम करेगा लाल
इच्छायें
सब थोप दीं , बेटा हुआ हलाल
बेटा
हुआ हलाल, न कर पाया मनचीता
खूब
लगे प्रतिबंध, व्यर्थ में जीवन बीता
अभियंता
का स्वप्न, कुदाली गैंती रापा
हैं बेटे के हाथ , बहुत
पछताये पापा ||
(३)
पापा कहते हैं
बड़ा , नाम करेगा पुत्र
पहले प्रतिभा भाँपिये,यही सरलतम सूत्र
यही
सरलतम सूत्र , टोकना नहीं निरंतर
सब
हो युग अनुरूप,न हो पीढ़ी का अंतर
सफल
हुये वे लोग , जिन्होंने अंतर ढाँपा
साथ
बढायें पाँव , पुत्र औ’ मम्मी - पापा ||
अरूण
कुमार निगम
आदित्य नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)